आरोपी ने बताया कि उमा शादी के लिए दबाव बना रही थी, जबकि वह बिना शादी के उसके साथ लिव इन रहना चाहता था. इस बात को लेकर दोनों के बीच में तनाव बढ़ने लगा था. ऐसे में उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसका गला घोंट दिया.

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महाराष्ट्र के पनवेल में पांच दिन पहले हुए उरवी उर्फ उमा वैष्णव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में उमा के लिव इन पार्टनर रियाज खान और उसके एक दोस्त को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की. इसके बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को आठ दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. पनवेल के फ्लाईओवर उमा का शव बरामद करने के बाद पुलिस उसके चप्पलों के जरिए सुराग तलाशते आरोपियों तक पहुंची थी. अब पुलिस क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए आरोपियों से वारदात में निशानदेही कराएगी.
पनवेल तालुका पुलिस ने बताया कि धामनी गांव के पास फ्लाईओवर पुल पर उरवी उर्फ उमा वैष्णव का शव मिला था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि वह लिव इन में रहती थी. वह वारदात से पहले खरीदारी के लिए निकली थी. उसके पैरों में मिले नए चप्पलों के जरिए पुलिस उस दुकान पर पहुंची और वहां लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो पता चला के उमा के साथ एक युवक भी आया था. इसकी पहचान रियाज खान के रूप में हुई. पुलिस ने बताया कि उमा रियाज के साथ कई साल से लिव इन में रह रही थी. डीसीपी क्राइम अमित काले ने बताया कि आरोपी की निशानदेही कराते हुए वारदात की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.
शादी के लिए दबाव बनाने पर घोंट दिया गला
पुलिस की पूछताछ में आरोपी रियाज ने बताया कि उमा के बार में काम करती थी. उसकी दोस्ती भी इस बार में ही हुई और बाद में वह लिव इन में रहने लगे. आरोपी ने बताया कि उमा शादी के लिए दबाव बना रही थी, जबकि वह बिना शादी के उसके साथ लिव इन रहना चाहता था. इस बात को लेकर दोनों के बीच में तनाव बढ़ने लगा था. ऐसे में उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसका गला घोंट दिया और पुल के पास फेंक कर फरार हो गया था.
भाई ने लिखाई थी रिपोर्ट
उमा का शव मिलने के बाद उसके भाई आरुष ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी. आरुष ने ही पुलिस को बताया था कि उसकी बहन छह साल से मुंबई में रहती थी. वह यहां रियाज के साथ लिव इन में रहती थी. बताया कि रियाज ने ही उसकी बहन की हत्या कर शव को ब्रिज से लटका दिया है. उमा बूंदी के बीबनवा रोड स्थित दयानंद कॉलोनी में रहती थी. आरुष ने 14 दिसंबर को ही नेरूल पुलिस स्टेशन में गुमशदगी दर्ज कराई थी. वहीं पुलिस को 17 दिसंबर को पनवेल में ब्रिज पर शव मिला था.
यूं हुआ शक
आरुष ने पुलिस को बताया कि उमा रोज शाम 5 बजे उसे फोन करती थी. लेकिन 14 दिसंबर को उसका फोन नहीं आया तो उसने रियाज को फोन किया, लेकिन रियाज ने फोन काट दिया. इसके बाद उसने कई बार प्रयास किया, लेकिन आखिर तक रियाज ने फोन नहीं उठाया तो उसे शक हुआ. आरुष के मुताबिक 14 दिसंबर को रियाज ही उमा को उसकी कार से होटल छोड़ने गया था. रात में करीब करीब डेढ़ बजे वह वापस आया और थोड़ी देर बाद उमा को वापस लाने का बहाना कर निकल गया.