महाराष्ट्र के स्कूलों में मोबाइल फोन पर बैन लगा दिया गया है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी जानकारी दी है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है.

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों को बताया कि स्कूलों को स्कूल कैंपस में मोबाइल फोन पर बैन को सख्ती से लागू करने को कहा गया है. दरअसल, स्कूली छात्रों द्वारा किए गए यौन अपराधों के चलते विधायक चिंतित थे. इस वजह से सरकार ने मोबाइल बैन का ये फैसला किया है. महाराष्ट्र के गृह विभाग को संभालने वाले फडणवीस उच्च सदन में बीजेपी विधायक उमा खापरे और अन्य द्वारा लाए गए प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के स्कूलों में Mobile Ban को लेकर जानकारी दी.
फडणवीस ने कहा कि सरकार पान की दुकानों, कैफेटेरिया और स्कूलों के आसपास असामाजिक तत्वों की मौजूदगी के इकोसिस्टम पर भी लगाम लगाने का काम कर रही है. एमएलसी खापरे ने सदन को माटुंगा के एक स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म की याद दिलाई. उन्होंने बताया कि इस घिनौने अपराध को अंजाम देने वाले और कोई नहीं, बल्कि उसके साथ पढ़ने वाले सहपाठी थे. आठवीं क्लास में पढ़ने वाले इन लड़कों ने एक क्लास के भीतर पीड़िता के साथ मारपीट की और फिर इस अपराध को अंजाम दिया.
फोन पर सेक्सुअल कंटेंट देख रहे बच्चे
विधान परिषद के सदस्यों (एमएलसी) ने कहा है कि किशोर इंटरनेट पर सेक्सुअल कंटेंट देखने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. खापरे ने कहा, ‘किशोर मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट पर अश्लील वीडियो देख रहे हैं. ये वीडियो हिंसा करने के लिए प्रेरित करते हैं और बच्चों के भीतर बदले की भावना पैदा करती है.’ उन्होंने स्कूलों में मोबाइल जैमर लगाने और स्टूडेंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की मांग की.
असामाजिक तत्वों के निरीक्षण के लिए होगी बैठक
फडणवीस ने कहा कि मोबाइल फोन पर बैन लगा दिया गया है और स्कूलों को निर्देश लागू करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि गृह और शिक्षा विभाग के सचिवों का एक पैनल स्कूलों के पास पान की दुकानों, कैफेटेरिया और असामाजिक तत्वों के निरीक्षण की योजना बनाने के लिए एक बैठक करेगा.
बीजेपी एमएलसी प्रवीण दरेकर ने कहा कि स्कूलों के पास पान और सिगरेट की दुकानों की संख्या बढ़ रही है. ये असामाजिक तत्वों को आश्रय देते हैं. उन्होंने कहा कि उचित कार्य योजना तैयार करने के लिए हर महीने माता-पिता, स्कूल प्रशासन और पुलिस की बैठक होनी चाहिए.j