चट्टोग्राम टेस्ट में 8 विकेट और 40 रन बनाकर कुलदीप यादव ने न सिर्फ भारत को मैच जिताया था बल्कि प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए थे.

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ढाका टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ जैसे ही टॉस के वक्त कप्तान केएल राहुल ने प्लेइंग इलेवन में बदलाव की खबर सुनाई तो सब हैरान रह गए थे. चट्टोग्राम टेस्ट में भारत को 188 रन से जीत दिलाने वाले प्लेयर ऑफ द मैच स्पिनर कुलदीप यादव को ढाका की टर्निंग पिच पर ड्रॉप कर, तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को मौका दिया गया था. पूरे दिन इस पर चर्चा हुई और दिन का खेल खत्म होने के बाद टीम इंडिया के ही स्टार पेसर उमेश यादव ने इस मामले पर अपनी राय रखी और कहा कि खुद उन्हें इन सबका सामना करना पड़ा है.
टीम इंडिया में कई बार अपने प्रदर्शन के कारण नियमित जगह पाने में नाकाम रहे बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप ने चट्टोग्राम टेस्ट की पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 3 विकेट लिए थे. इसके अलावा उन्होंने पहली पारी में 40 रनों की अहम पारी खेली थी. इन योगदानों के दम पर भारत ने सीरीज का आगाज जीत के साथ किया था और कुलदीप को मैच का हीरो चुना गया था.
‘मेरे साथ भी ऐसा हुआ था…’
ऐसे में उम्मीद थी कि अगले मैच में भी उनकी जगह पक्की है, लेकिन मैच की सुबह कप्तान केएल राहुल और कोच राहुल द्रविड़ के फैसले ने सबको चौंका दिया. पूरे दिन कम से कम सोशल मीडिया में मैच से ज्यादा चर्चा सिर्फ यही हुई कि आखिर कैसे और क्यों कुलदीप को ड्रॉप किया गया. जब उमेश यादव से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर सवाल किया गया, तो उनका अपना दर्द छलक पड़ा. उमेश ने कहा,
यह आपकी (करियर की) यात्रा का हिस्सा है. यह मेरे साथ भी हुआ है. कभी कभार आप अपने प्रदर्शन की वजह से टीम से बाहर होते हो और कभी कभार यह टीम प्रबंधन का फैसला होता है. आपको टीम की जरूरतों के हिसाब से चलना होता है. यह उसके लिये (कुलदीप) के लिये अच्छा है कि उसने वापसी की और अच्छा प्रदर्शन किया.
उमेश यादव जानते हैं ये दर्द
वैसे भी उमेश यादव से ज्यादा अच्छे से फिलहाल मौजूदा टीम में शायद ही कोई समझ पाएगा. एक वक्त उमेश यादव भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी आक्रमण का प्रमुख हिस्सा हुआ करते थे. फिर मोहम्मद शमी की वापसी और जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजों के उभरने से प्लेइंग इलेवन में उनके मौके कम हो गए. अब मौजूदा सीरीज में वह इसलिए दोनों टेस्ट खेल पा रहे हैं क्योंकि शमी और बुमराह चोट के कारण बाहर हैं. उमेश अपना असर दिखा भी रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में 164 विकेट झटक चुके उमेश ने ढाका टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ 25 रन देकर 4 विकेट लिए.