दिल्ली में सीतारमण से मिलने वाले बीजद प्रतिनिधिमंडल में डॉ अमर पटनायक, डॉ सस्मित पात्रा, पिनाकी मिश्रा, अच्युत सामंत, सुलता देव, निरंजनी बिशी और ममता महंत शामिल थे.

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बीजू जनता दल (बीजद) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और ओडिशा का हरा सोना माने जाने वाले केंदू के पत्तों पर 18 प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) वापस लेने की मांग की. वित्त मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में बीजद सांसदों ने कहा है कि बीड़ी लपेटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला केंदू पत्ता राज्य का एक महत्वपूर्ण गैर-लकड़ी वन उत्पाद है.
उन्होंने कहा कि लगभग आठ लाख तुड़ाई करने वाले, बीड़ी बांधने वाले और श्रमिक, जो कि ज्यादातर आदिवासी समुदाय और गरीब परिवारों से हैं, इन वन उपज के व्यापार पर निर्भर हैं. दिल्ली में सीतारमण से मिलने वाले बीजद प्रतिनिधिमंडल में डॉ अमर पटनायक, डॉ सस्मित पात्रा, पिनाकी मिश्रा, अच्युत सामंत, सुलता देव, निरंजनी बिशी और ममता महंत शामिल थे.
यह गरीब लोगों की आजीविका से जुड़ा है
बता दें कि पिछले महीने ओडिशा सरकार ने केंदू पत्ता तोड़ने वालों, बांधने वालों और मौसमी कर्मचारियों को वित्तीय सहायता के रूप में 43 करोड़ रुपये वितरित किए थे. तब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर केंद्र से केंदू के पत्ते के व्यापार पर 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने का आग्रह किया था, क्योंकि यह गरीब लोगों की आजीविका से जुड़ा है.
बांधने वालों को 1,500 रुपये दिए गए थे
तब आधिकारिक बयान में कहा गया था कि केंदू के पत्तों के व्यापार में लगे गरीब लोगों के लिए राज्य सरकार के विशेष पैकेज के तहत एक कार्यक्रम में यह रकम दी गई. इसमें कहा गया है कि पैकेज में, अंतरिम उपाय के रूप में पहले चरण में प्रत्येक केंदू पत्ता तोड़ने वाले को 1,000 रुपये और प्रत्येक मौसमी कर्मचारी तथा पत्तों को बांधने वालों को 1,500 रुपये दिए गए थे.
आचार संहिता हटने के बाद बारगढ़ के लोगों को यह सहायता मिलेगी
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था कि केंदू के पत्ते का उपयोग बीड़ी लपेटने के लिए किया जाता है और यह उन महत्वपूर्ण वन उपजों में से एक है, जिस पर लगभग आठ लाख लोगों की आजीविका का अधिकार है. उन्होंने कहा था कि हालांकि, 12 जिलों के लोगों को सहायता मिली, लेकिन पदमपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के चलते लागू आदर्श आचार संहिता हटने के बाद बारगढ़ के लोगों को यह सहायता मिलेगी.